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भारतीय थल सेना अधिकारी (Indian Army Officer)
NCS Code: NA | DF004
भारतीय थल सेना भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सबसे बड़ा अंग है और उसकी थल आधारित शाखा है। भारतीय सेना के एक अधिकारी की मुख्य ज़िम्मेदारी देश की सुरक्षा, अखंडता और एकता सुनिश्चित करना है। वो देश को अंदरूनी और बाहरी दोनों ही खतरों से बचाते है और जब भी और जहाँ भी ज़रुरत हो वो मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
● आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
● आप देश की सेवा और शौर्य का प्रदर्शन करने के इच्छुक हों।
● आप निर्देशों का अच्छी तरह से पालन करते हों और आपमें दबाव को झेलने की क्षमता हो।
● आपमें उच्च सत्यनिष्ठा और नेतृत्व क्षमता हों।
प्रवेश मार्ग
● अधिकतम 18 वर्ष की आयु सीमा के साथ किसी भी संकाय में 10 + 2 उत्तीर्ण करें। उन्हें लिखित परीक्षा और फिर इंटरव्यू देना होता है। सभी उम्मीदवारों को फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास करना होगा
या
● विज्ञान (भौतिक विज्ञान (फिजिक्स), रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री), गणित/ जीव विज्ञान (बायोलॉजी)) में 10+2 पूरा करें, विज्ञान के किसी भी विषय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करें और संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम) और फिर एक साक्षात्कार में भाग लें। सभी उम्मीदवारों को फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास करना अनिवार्य है
या
● विज्ञान (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित/ बायोलॉजी) में 10+2 पूरा करें, नोटिफाइड कोर्सेस में इंजीनियरिंग की स्नातक की डिग्री (बी०ई० /बी०टेक० ) ताकि भारतीय सैन्य अकादमी (इंडियन मिलिट्री अकादमी) में बिना लिखित परीक्षा के दाखिला मिल सके
या
शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए (10 साल तक):-
● विज्ञान में 10+2 पूरा करें, स्नातक की डिग्री पूरी करें और लिखित परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार और मेडिकल क्लीयरेंस के माध्यम से अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में शामिल हों
या
● विज्ञान में 10+2, बी०ई० /बी०टेक० पूरा करें और एसएसबी साक्षात्कार और मेडिकल क्लीयरेंस के बाद सीधे अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में शामिल हों
शैक्षिक संस्थान
भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 10+2 अथवा अपनी स्नातक की डिग्री पूर्ण करें जो आवश्यक कोर्स प्रदान करता है और यू.जी.सी. मान्यता की जाँच करें। सरकारी सैन्य संस्थान (Government Military Institutes):-
1. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला
2. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, देहरादून
3. डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन
4. राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय, देहरादून
5. आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स ट्रेनिंग कॉलेज एंड सेंटर, पचमढ़ी
6. आर्मी कैडेट कॉलेज, छतरपुर
7. अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी), गया
8. आर्मी सर्विस कॉर्प्स सेन्टर (SOUTH), बैंगलोर
9. आर्मी वार कॉलेज,मध्य प्रदेश
फीस
ट्रेनी को ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड मिलता है।
छात्रवृत्ति/ऋण
ट्रेनी को ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड मिलता है।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल :- भारतीय सेना के रैंक धारक रैंक के आधार पर या तो किसी रेजिमेंट के साथ काम कर सकते हैं, किसी रेजिमेंट की अगवाई कर सकते हैं या किसी ट्रेनिंग अकादमी में भी काम कर सकते हैं। उनका समय-समय पर देश के अलग-अलग भागों में स्थानांतरण होता रहता है।
काम का माहौल:- इस क्षेत्र में बहुत सारी शारीरिक और मानसिक मज़बूती की ज़रुरत होती है और कठोर परिस्थितियों और परिवेश का सामना करने में भी सक्षम होने की आवश्यकता होती है। आपको कठोर शारीरिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। आपको देश के किसी भी हिस्से में तैनाती दी जा सकती है।
* दिव्यांगों के लिए अवसर प्रशासनिक नौकरियों तक सीमित हो सकते हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
लेफ्टिनेंट कप्तान मेजर Lt. कर्नल कर्नल ब्रिगेडियर मेजर जनरल Lt. जनरल जनरल फील्ड मार्शल
अपेक्षित वेतन
● एक लेफ्टिनेंट की आय लगभग रु 56,100 से 1,77,500 प्रतिमाह तक होती है।
● सेना में सर्वोच्च रैंक चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ की होती है जिनका मासिक वेतन लगभग रु 2,50,000 होता है।
पीरू सिंह शेखावत - पीरू सिंह का जन्म राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के पिलानी के पास बेरी गाँव में हुआ था। यह परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले प्रथम राजस्थानी थे। भारतीय सेना के वीर अमर शहीदों में एक ,कश्मीर घाटी के युद्ध में सक्रिय रूप से जूझते हुए उन्होंने पीरकांती और लेडीगनी ठिकानों पर अपनी फ़तेह हासिल की थी। वर्ष 1948 में दारापारी के युद्ध में पीरू सिंह ने वीरगति प्राप्त की। वीरता, कर्तव्य के प्रति निष्ठा और प्रेरणादायी कार्य के लिए हवलदार मेजर पीरू सिंह को भारत के युद्धकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया । स्रोत:https://www.patrika.com/jhunjhunu-news/story-of-life-of-martyr-piru-singh-jhunjhunu-2829409/
* ऊपर दी गई जानकारी सिर्फ प्रशिक्षण के उद्देश्य के लिए ही है और इसका किसी प्रकार के व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
भारतीय थल सेना अधिकारी (Indian Army Officer)
NCS Code: NA | DF004● आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
● आप देश की सेवा और शौर्य का प्रदर्शन करने के इच्छुक हों।
● आप निर्देशों का अच्छी तरह से पालन करते हों और आपमें दबाव को झेलने की क्षमता हो।
● आपमें उच्च सत्यनिष्ठा और नेतृत्व क्षमता हों।
● अधिकतम 18 वर्ष की आयु सीमा के साथ किसी भी संकाय में 10 + 2 उत्तीर्ण करें। उन्हें लिखित परीक्षा और फिर इंटरव्यू देना होता है। सभी उम्मीदवारों को फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास करना होगा
या
● विज्ञान (भौतिक विज्ञान (फिजिक्स), रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री), गणित/ जीव विज्ञान (बायोलॉजी)) में 10+2 पूरा करें, विज्ञान के किसी भी विषय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करें और संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम) और फिर एक साक्षात्कार में भाग लें। सभी उम्मीदवारों को फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास करना अनिवार्य है
या
● विज्ञान (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित/ बायोलॉजी) में 10+2 पूरा करें, नोटिफाइड कोर्सेस में इंजीनियरिंग की स्नातक की डिग्री (बी०ई० /बी०टेक० ) ताकि भारतीय सैन्य अकादमी (इंडियन मिलिट्री अकादमी) में बिना लिखित परीक्षा के दाखिला मिल सके
या
शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए (10 साल तक):-
● विज्ञान में 10+2 पूरा करें, स्नातक की डिग्री पूरी करें और लिखित परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार और मेडिकल क्लीयरेंस के माध्यम से अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में शामिल हों
या
● विज्ञान में 10+2, बी०ई० /बी०टेक० पूरा करें और एसएसबी साक्षात्कार और मेडिकल क्लीयरेंस के बाद सीधे अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में शामिल हों
भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 10+2 अथवा अपनी स्नातक की डिग्री पूर्ण करें जो आवश्यक कोर्स प्रदान करता है और यू.जी.सी. मान्यता की जाँच करें।
सरकारी सैन्य संस्थान (Government Military Institutes):-
1. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला
2. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, देहरादून
3. डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन
4. राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय, देहरादून
5. आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स ट्रेनिंग कॉलेज एंड सेंटर, पचमढ़ी
6. आर्मी कैडेट कॉलेज, छतरपुर
7. अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी), गया
8. आर्मी सर्विस कॉर्प्स सेन्टर (SOUTH), बैंगलोर
9. आर्मी वार कॉलेज,मध्य प्रदेश
ट्रेनी को ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड मिलता है।
ट्रेनी को ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड मिलता है।
कार्यस्थल :- भारतीय सेना के रैंक धारक रैंक के आधार पर या तो किसी रेजिमेंट के साथ काम कर सकते हैं, किसी रेजिमेंट की अगवाई कर सकते हैं या किसी ट्रेनिंग अकादमी में भी काम कर सकते हैं। उनका समय-समय पर देश के अलग-अलग भागों में स्थानांतरण होता रहता है।
काम का माहौल:- इस क्षेत्र में बहुत सारी शारीरिक और मानसिक मज़बूती की ज़रुरत होती है और कठोर परिस्थितियों और परिवेश का सामना करने में भी सक्षम होने की आवश्यकता होती है। आपको कठोर शारीरिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। आपको देश के किसी भी हिस्से में तैनाती दी जा सकती है।
* दिव्यांगों के लिए अवसर प्रशासनिक नौकरियों तक सीमित हो सकते हैं।
लेफ्टिनेंट कप्तान मेजर Lt. कर्नल कर्नल ब्रिगेडियर मेजर जनरल Lt. जनरल जनरल फील्ड मार्शल
● एक लेफ्टिनेंट की आय लगभग रु 56,100 से 1,77,500 प्रतिमाह तक होती है।
● सेना में सर्वोच्च रैंक चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ की होती है जिनका मासिक वेतन लगभग रु 2,50,000 होता है।
स्रोत: https://www.dnaindia.com/education/report-indian-army-recruitment-2021-earn-salary-upto-rs-25-lakh-without-any-exam-details-here-2896165
*आय सांकेतिक है और इनमे भिन्नता हो सकती है
फील्ड के कुछ अनुभव
पीरू सिंह शेखावत - पीरू सिंह का जन्म राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के पिलानी के पास बेरी गाँव में हुआ था। यह परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले प्रथम राजस्थानी थे। भारतीय सेना के वीर अमर शहीदों में एक ,कश्मीर घाटी के युद्ध में सक्रिय रूप से जूझते हुए उन्होंने पीरकांती और लेडीगनी ठिकानों पर अपनी फ़तेह हासिल की थी। वर्ष 1948 में दारापारी के युद्ध में पीरू सिंह ने वीरगति प्राप्त की। वीरता, कर्तव्य के प्रति निष्ठा और प्रेरणादायी कार्य के लिए हवलदार मेजर पीरू सिंह को भारत के युद्धकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया ।
स्रोत: https://www.patrika.com/jhunjhunu-news/story-of-life-of-martyr-piru-singh-jhunjhunu-2829409/
* ऊपर दी गई जानकारी सिर्फ प्रशिक्षण के उद्देश्य के लिए ही है और इसका किसी प्रकार के व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
भारतीय सशस्त्र सेना, भारतीय सेना, मिलिट्री अकादमी