एक उत्पादन (मैन्युफैक्चरिंग) इंजीनियर कंप्यूटर नेटवर्क, रोबोट, स्वचालित (ऑटोमैटेड) मशीन, मशीन टूल्स और मटेरियल-हैंडलिंग उपकरण के डिजाइन और संचालन से संबंधित कार्य करता है ।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको रचनात्मक कार्यों में आनंद आता हों।
• आपकी सोच आलोचनात्मक हो और आपको समयाएँ हल करना पसंद हो
• आप मशीनों के काम में रुचि रखते हों।
• आपके पास अच्छा संवाद कौशल हो।
प्रवेश मार्ग
1. साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) में 10+2 उत्तीर्ण करें ।
2. निर्माण विज्ञान एवं आभियांत्रिकी (मैन्युफैक्चरिंग साइंस एंड इंजीनियरिंग) में बी.टेक./ बी.ई. करें।
या
निर्माण विज्ञान एवं आभियांत्रिकी में डिप्लोमा/ बी.वी.ओ.सी. या सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर ((REAP, AP EAMCET इत्यादि) या संस्थान स्तर (BITSAT, IP, इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान कोर्स की अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह कोर्स उत्पादन आभियांत्रिकी/उत्पादन आभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चलाया जाता है। संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1.आई.आई.टी .खड़गपुर
2. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
3. इंजीनियरिंग कॉलेज, गिंडी
4..एस.एल.आई.ई.टी. लोंगोवाल, पंजाब
5.आई.आई.आई.टी.डी.एम. कांचीपुरम
6. एन.आई.एफ.एफ.टी., रांची
7. राजकीय पॉलिटेक्निक, पुणे (डिप्लोमा)
8. गवर्नमेंट टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर, बैंगलोर (डिप्लोमा)
निजी संस्थान (आवेदन करने से पहले कृपया जांच लें कि क्या संस्थान यूजीसी और एआईसीटीई से संबद्धता और मान्यता प्राप्त है)
*एन.पी.टी.ई.एल. - मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा वित्त पोषित प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीटीईएल) एक परियोजना है। यह बुनियादी विज्ञान और इंजीनियरिंग अवधारणाओं की शिक्षा को बढ़ाने के लिए मल्टीमीडिया और वेब तकनीक का उपयोग करता है।
फीस
● कोर्स की फीस लगभग 1,88,000 - 10,58,000* रूपये* के बीच है।
*(उपर्युक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान से संस्थान में भिन्न होंगे।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
● किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति- यह छात्रवृत्ति इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्स के पहले वर्ष में पढ़ रहे छात्रों को दी जाती है। इसे प्राप्त करने के लिए योग्यता परीक्षा होती है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र, जिनके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए योग्यता है, को दी जाती है।
● योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति -ऐसी लगभग 20,000 इंजीनियरिंग छात्रवृत्ति हर साल अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के पूरे कोर्स की फीस का भुगतान सीधे उनके संस्थानों को कर दिया जाता है।
● इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप- आईओसी लिमिटेड योग्य छात्रों को हर साल 300 स्कॉलरशिप प्रदान करता है। छात्रों को एक स्नातक कोर्स में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के छात्रों को दी जाती है।
● कृपया सभी नवीनतम विवरणों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। यह आपको राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ले जाएगा। इस पोर्टल के तहत विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य योजनाओं द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं की पेशकश की जाती है
● कृपया उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com पर जाएं। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
● योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
● विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण चाहने वाले छात्रों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल को वित्तीय सेवा विभाग, (वित्त विभाग मंत्रालय) उच्च शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.)के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। छात्र वेबसाइट पर शिक्षा ऋण देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। पोर्टल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंक भी प्रदान करता है।
● कुछ राज्यों में कम ब्याज दर वाले छात्र क्रेडिट कार्ड हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
● सभी बैंक एजुकेशन लोन देते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल: एयरोस्पेस उद्योग, ऑटोमोटिव उद्योग, कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग सेवाएं, भारतीय सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय, विनिर्माण उद्योग, इंजीनियरिंग परामर्शदात्री संस्थान आदि।
काम का माहौल: एक निर्माण इंजीनियर एक कार्यालय, कारखाने, संयंत्र, प्रयोगशाला, निर्माण स्थल, या एक तेल/गैस उत्पादन स्थल में काम कर सकता है। मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर के काम का मानक समय 40 घंटे प्रति सप्ताह होता है जिसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर ओवरटाइम भी करना हो सकता है।
*इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर उपलब्ध हैं।
मीनू नरीमन दस्तूर भारत में इंजीनियरिंग और धातु विज्ञान के अग्रणी माने जाने वाले परामर्शदाता है । उन्होंने 1938 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। लौह अयस्क पेलेटाईजिंग और गैस आधारित डायरेक्ट रिडक्शन शाफ्ट भट्टियों को विकसित करने के अतिरिक्त, उन्होंने भारत में पहले कोयला आधारित डायरेक्ट रिडक्शन प्लांट के लिए सलाहकार के रूप में काम किया। उन्हें भारतीय कौशल और विशेषज्ञता को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए याद किया जाता है जिसके चलते भारत में आयातित प्रोद्योगिकी का दोबारा प्रयोग किया जा सका है।*
(उत्पादन) मैन्युफ़क्चरिंग इंजीनियर(Manufacturing Engineer)
NCS Code: N/A | E021• आपको रचनात्मक कार्यों में आनंद आता हों।
• आपकी सोच आलोचनात्मक हो और आपको समयाएँ हल करना पसंद हो
• आप मशीनों के काम में रुचि रखते हों।
• आपके पास अच्छा संवाद कौशल हो।
1. साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) में 10+2 उत्तीर्ण करें ।
2. निर्माण विज्ञान एवं आभियांत्रिकी (मैन्युफैक्चरिंग साइंस एंड इंजीनियरिंग) में बी.टेक./ बी.ई. करें।
या
निर्माण विज्ञान एवं आभियांत्रिकी में डिप्लोमा/ बी.वी.ओ.सी. या सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर ((REAP, AP EAMCET इत्यादि) या संस्थान स्तर (BITSAT, IP, इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान कोर्स की अवधि की जांच करें।
यह कोर्स उत्पादन आभियांत्रिकी/उत्पादन आभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चलाया जाता है। संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1.आई.आई.टी .खड़गपुर
2. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
3. इंजीनियरिंग कॉलेज, गिंडी
4..एस.एल.आई.ई.टी. लोंगोवाल, पंजाब
5.आई.आई.आई.टी.डी.एम. कांचीपुरम
6. एन.आई.एफ.एफ.टी., रांची
7. राजकीय पॉलिटेक्निक, पुणे (डिप्लोमा)
8. गवर्नमेंट टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर, बैंगलोर (डिप्लोमा)
निजी संस्थान (आवेदन करने से पहले कृपया जांच लें कि क्या संस्थान यूजीसी और एआईसीटीई से संबद्धता और मान्यता प्राप्त है)
1. बिट्स पिलानी, राजस्थान
2. पारूल यूनिवर्सिटी, वडोदरा (सर्टिफिकेट कोर्स)
3.वी.आई.टी., वेल्लोर 4.आचार्य प्रौद्योगिकी संस्थान, बंगलौर
5. जे.एस.एस. नोएडा
6.पी.एस.जी. टेक. कोयम्बटूर
7. प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
8. मालाबार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, त्रिशूर
संस्थान की रैंकिंग के बारे में इस लिंक से जानकारी मिल सकती है - http://www.nirfindia.org/2022/Ranking.html
ऑनलाइन कोर्स
• एन.पी.टी.ई.एल.* स्वयं - https://onlinecourses.nptel.ac.in ›noc21_me66› preview
• कौरसेरा - https://in.coursera.org/search?query=manufacturing%20engineering&=
*एन.पी.टी.ई.एल. - मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा वित्त पोषित प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीटीईएल) एक परियोजना है। यह बुनियादी विज्ञान और इंजीनियरिंग अवधारणाओं की शिक्षा को बढ़ाने के लिए मल्टीमीडिया और वेब तकनीक का उपयोग करता है।
● कोर्स की फीस लगभग 1,88,000 - 10,58,000* रूपये* के बीच है।
*(उपर्युक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान से संस्थान में भिन्न होंगे।)
छात्रवृत्ति
● किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति- यह छात्रवृत्ति इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्स के पहले वर्ष में पढ़ रहे छात्रों को दी जाती है। इसे प्राप्त करने के लिए योग्यता परीक्षा होती है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र, जिनके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए योग्यता है, को दी जाती है।
● योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति -ऐसी लगभग 20,000 इंजीनियरिंग छात्रवृत्ति हर साल अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के पूरे कोर्स की फीस का भुगतान सीधे उनके संस्थानों को कर दिया जाता है।
● इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप- आईओसी लिमिटेड योग्य छात्रों को हर साल 300 स्कॉलरशिप प्रदान करता है। छात्रों को एक स्नातक कोर्स में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के छात्रों को दी जाती है।
● कृपया सभी नवीनतम विवरणों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। यह आपको राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ले जाएगा। इस पोर्टल के तहत विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य योजनाओं द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं की पेशकश की जाती है
● कृपया उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com पर जाएं। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
● योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
● विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण चाहने वाले छात्रों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल को वित्तीय सेवा विभाग, (वित्त विभाग मंत्रालय) उच्च शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.)के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। छात्र वेबसाइट पर शिक्षा ऋण देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। पोर्टल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंक भी प्रदान करता है।
● कुछ राज्यों में कम ब्याज दर वाले छात्र क्रेडिट कार्ड हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
● सभी बैंक एजुकेशन लोन देते हैं।
कार्यस्थल: एयरोस्पेस उद्योग, ऑटोमोटिव उद्योग, कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग सेवाएं, भारतीय सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय, विनिर्माण उद्योग, इंजीनियरिंग परामर्शदात्री संस्थान आदि।
काम का माहौल: एक निर्माण इंजीनियर एक कार्यालय, कारखाने, संयंत्र, प्रयोगशाला, निर्माण स्थल, या एक तेल/गैस उत्पादन स्थल में काम कर सकता है। मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर के काम का मानक समय 40 घंटे प्रति सप्ताह होता है जिसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर ओवरटाइम भी करना हो सकता है।
*इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर उपलब्ध हैं।
उत्पादन इंजीनियर → डिजाइन इंजीनियर → उत्पाद इंजीनियर →
उत्पाद इंजीनियरिंग प्रबंधक
या
उत्पादन इंजीनियर → प्रोजेक्ट इंजीनियर → गुणवत्ता आश्वासन (क्वालिटी ऐश्यूरैंस) इंजीनियर
या
वरिष्ठ उत्पादन इंजीनियर → उत्पादन इंजीनियरिंग प्रबंधक → निदेशक, निर्माण इंजीनियर
एक निर्माण इंजीनियर का लगभग आय 16,166 - 83,333 रूपये* प्रति माह होती है।
स्रोत: payscale.com/research/IN/Job=Manufacturing_Engineer/Salary
*उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
मीनू नरीमन दस्तूर भारत में इंजीनियरिंग और धातु विज्ञान के अग्रणी माने जाने वाले परामर्शदाता है । उन्होंने 1938 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। लौह अयस्क पेलेटाईजिंग और गैस आधारित डायरेक्ट रिडक्शन शाफ्ट भट्टियों को विकसित करने के अतिरिक्त, उन्होंने भारत में पहले कोयला आधारित डायरेक्ट रिडक्शन प्लांट के लिए सलाहकार के रूप में काम किया। उन्हें भारतीय कौशल और विशेषज्ञता को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए याद किया जाता है जिसके चलते भारत में आयातित प्रोद्योगिकी का दोबारा प्रयोग किया जा सका है।*
स्रोत:
business-standard.com/article/beyond-business/engineering-metallurgy-doyen-passes-away-104010601020_1.html
*ऊपर दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण है और इसका किसी भी व्यावसायिक लाभ के लिए उपयोग नहीं की जाएगी
उत्पादन इंजीनियरिंग, डिज़ाइन इंजीनियर, प्रोजेक्ट इंजीनियर