सिविल इंजीनियर सार्वजनिक और निजी भवनों, जल प्रणालियों, हवाई अड्डों और सड़कों जैसी संरचनाओं का डिजाइन और रखरखाव करते हैं। स्ट्रक्चरल इंजीनियर उन संरचनाओं और सामग्रियों का विश्लेषण, डिजाइन, निर्माण और रखरखाव करते हैं जो लोड को काउंटरैक्ट या सुदृढ़ करते हैं। एक सिविल इंजीनियर से जिन कार्यों को करने की उम्मीद की जाती है, उनमें पुलों, कारखानों, टावरों आदि के निर्माण और मरम्मत की योजना बनाना, इन कार्यों को सुनिश्चित करना और इनका पर्यवेक्षण करना, अनुमानित लागत और विस्तृत चित्र तैयार करना, पुरुषों, सामग्री, मशीनरी और उपकरणों आदि की व्यवस्था करना।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपके पास एक तर्कशील बुद्धि हो और आप आलोचनात्मक सोच रखते हों।
• आप ऐडवांसड गणित के विशेषज्ञ हों।
• आपके पास सर्वोत्तम संचार कौशल हो और आप एक टीम का नेतृत्व कर सकते हों।
• आप बारीकियो पर ध्यान देते हों।
प्रवेश मार्ग
1. साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) में 10+2 उत्तीर्ण करें ।
2. सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक./बी.ईउत्तीर्ण करें ।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (REAP, AP EAMCET इत्यादि) या संस्थान स्तर (BITSAT, IP, इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान कोर्स की अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह कोर्स सिविल इंजीनियरिंग/स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभागों द्वारा चलाया जाता है|
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है|
● कोर्स की फीस लगभग 2,00,000 - 7,00,000 रूपये* के बीच है।
*(उपर्युक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान से संस्थान में भिन्न होंगे।)
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
● किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति- यह छात्रवृत्ति इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्स के पहले वर्ष में पढ़ रहे छात्रों को दी जाती है। इसे प्राप्त करने के लिए योग्यता परीक्षा होती है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र, जिनके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए योग्यता है, को दी जाती है।
● योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति -ऐसी लगभग 20,000 इंजीनियरिंग छात्रवृत्ति हर साल अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के पूरे कोर्स की फीस का भुगतान सीधे उनके संस्थानों को कर दिया जाता है।
● इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप- आईओसी लिमिटेड योग्य छात्रों को हर साल 300 स्कॉलरशिप प्रदान करता है। छात्रों को एक स्नातक कोर्स में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के छात्रों को दी जाती है।
● कृपया सभी नवीनतम विवरणों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। यह आपको राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ले जाएगा। इस पोर्टल के तहत विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य योजनाओं द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं की पेशकश की जाती है
● कृपया उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com पर जाएं। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
●समाज कल्याण विभाग (https://sje.rajasthan.gov.in) द्वारा भी विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
● योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
● विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण चाहने वाले छात्रों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल को वित्तीय सेवा विभाग, (वित्त विभाग मंत्रालय) उच्च शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.)के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। छात्र वेबसाइट पर शिक्षा ऋण देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। पोर्टल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंक भी प्रदान करता है।
● कुछ राज्यों में कम ब्याज दर वाले छात्र क्रेडिट कार्ड हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
● सभी बैंक एजुकेशन लोन देते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल: आप भारत में स्थानीय अधिकारियों, सरकारी विभागों, रेलवे, पानी/बिजली/गैस कंपनियों के साथ काम करेंगे। आप भारत भर में सिविल इंजीनियरिंग ठेकेदारों/परामर्शदाताओं के रूप में भी काम कर सकते हैं।
काम का माहौल: नौकरी में आपको स्थानीय स्तर पर यात्रा करने और इंजीनियरों की एक टीम को संभालने की आवश्यकता होगी। निर्माण कंपनियां आमतौर पर सप्ताह में 5 या 6 दिन और प्रतिदिन 8 या 9 घंटे काम करती हैं। यह कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध नहीं है।यदि आप सेल्फ एम्प्लॉयड (self employed) या आपका अपना रोज़गार है, तो काम के घंटे और दिन लचीले होंगे।
*इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए अवसर मौजूद हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल → सीनियर सिविल इंजीनियर → प्रोजेक्ट मैनेजर → असिस्टेंट जनरल मैनेजर→ डिवीजन/ऑफरिंग/डोमेन के प्रमुख → कंपनी के प्रमुख
अपेक्षित वेतन
एक स्ट्रक्चरल/सिविल इंजीनियर का लगभग आय 19,000 - 90,000 रूपये* प्रति माह होती है।
*एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
भारत की पहली महिला सिविल इंजीनियर, शकुंतला ए भगत ने कई नवीन डिजाइनों का नेतृत्व किया और क्वाड्रिकॉन की स्थापना की - मुंबई स्थित एक निर्माण फर्म जिसने यू,के. यू.एस.ए . और जर्मनी सहित दुनिया भर में 200 पुलों को डिजाइन किया है। वह सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। 1960 में, भगत ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की और आई.आई.टी. मुंबई में सिविल इंजीनियरिंग की सहायक प्रोफेसर और भारी संरचना प्रयोगशाला (heavy structure laboratory )के प्रमुख के रूप में पढ़ाने के लिए चली गयीं । 2012 में उनका निधन हो गया।*
सिविल इंजीनियरिंग/स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (Civil Engineering/Structural Engineering)
NCS Code: 2142.0300 | E037• आपके पास एक तर्कशील बुद्धि हो और आप आलोचनात्मक सोच रखते हों।
• आप ऐडवांसड गणित के विशेषज्ञ हों।
• आपके पास सर्वोत्तम संचार कौशल हो और आप एक टीम का नेतृत्व कर सकते हों।
• आप बारीकियो पर ध्यान देते हों।
1. साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) में 10+2 उत्तीर्ण करें ।
2. सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक./बी.ईउत्तीर्ण करें ।
या
स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (REAP, AP EAMCET इत्यादि) या संस्थान स्तर (BITSAT, IP, इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान कोर्स की अवधि की जांच करें।
यह कोर्स सिविल इंजीनियरिंग/स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभागों द्वारा चलाया जाता है|
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है|
सरकारी संस्थान
1. आई.आई.टी. जोधपुर
2. आई.आई.टी. खड़गपुर
3. आई.आई.टी. रुड़की
4. MBM जोधपुर
5. CTE , उदयपुर
6. MNIT जयपुर
7. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोलकाता
8. वीर सुरेंद्र साई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ओडिशा
निजी संस्थान (आवेदन करने से पहले कृपया जांच लें कि क्या संस्थान यूजीसी और एआईसीटीई से संबद्धता और मान्यता प्राप्त है)
1.बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी
2. निम्स जयपुर
3. GITS उदयपुर
4. एमिटी यूनिवर्सिटी जयपुर
5. लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर
6. जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जयपुर
7. एमिटी यूनिवर्सिटी, रायपुर
8. चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
संस्थान की रैंकिंग के बारे में इस लिंक से जानकारी मिल सकती है - http://www.nirfindia.org/2022/Ranking.html
ऑनलाइन कोर्स
• एन.पी.टी.ई.एल.* स्वयं - https://onlinecourses.nptel.ac.in›noc20_ce02 › preview
• उडेमी - https://www.udemy.com/topic/structural-engineering/
*एन.पी.टी.ई.एल. -
● कोर्स की फीस लगभग 2,00,000 - 7,00,000 रूपये* के बीच है।
*(उपर्युक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह संस्थान से संस्थान में भिन्न होंगे।)
छात्रवृत्ति
● किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति- यह छात्रवृत्ति इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्स के पहले वर्ष में पढ़ रहे छात्रों को दी जाती है। इसे प्राप्त करने के लिए योग्यता परीक्षा होती है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र, जिनके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए योग्यता है, को दी जाती है।
● योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति -ऐसी लगभग 20,000 इंजीनियरिंग छात्रवृत्ति हर साल अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के पूरे कोर्स की फीस का भुगतान सीधे उनके संस्थानों को कर दिया जाता है।
● इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप- आईओसी लिमिटेड योग्य छात्रों को हर साल 300 स्कॉलरशिप प्रदान करता है। छात्रों को एक स्नातक कोर्स में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के छात्रों को दी जाती है।
● कृपया सभी नवीनतम विवरणों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। यह आपको राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ले जाएगा। इस पोर्टल के तहत विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य योजनाओं द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं की पेशकश की जाती है
● कृपया उपलब्ध छात्रवृत्ति के विवरण के लिए http://www.buddy4study.com पर जाएं। यह कक्षा XI से शुरू होने वाली छात्रवृत्ति का प्रवेश द्वार है।
●समाज कल्याण विभाग (https://sje.rajasthan.gov.in) द्वारा भी विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
● योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
● विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण चाहने वाले छात्रों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल को वित्तीय सेवा विभाग, (वित्त विभाग मंत्रालय) उच्च शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.)के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। छात्र वेबसाइट पर शिक्षा ऋण देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। पोर्टल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंक भी प्रदान करता है।
● कुछ राज्यों में कम ब्याज दर वाले छात्र क्रेडिट कार्ड हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
● सभी बैंक एजुकेशन लोन देते हैं।
कार्यस्थल: आप भारत में स्थानीय अधिकारियों, सरकारी विभागों, रेलवे, पानी/बिजली/गैस कंपनियों के साथ काम करेंगे। आप भारत भर में सिविल इंजीनियरिंग ठेकेदारों/परामर्शदाताओं के रूप में भी काम कर सकते हैं।
काम का माहौल: नौकरी में आपको स्थानीय स्तर पर यात्रा करने और इंजीनियरों की एक टीम को संभालने की आवश्यकता होगी। निर्माण कंपनियां आमतौर पर सप्ताह में 5 या 6 दिन और प्रतिदिन 8 या 9 घंटे काम करती हैं। यह कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध नहीं है।यदि आप सेल्फ एम्प्लॉयड (self employed) या आपका अपना रोज़गार है, तो काम के घंटे और दिन लचीले होंगे।
*इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए अवसर मौजूद हैं।
सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल → सीनियर सिविल इंजीनियर → प्रोजेक्ट मैनेजर → असिस्टेंट जनरल मैनेजर→ डिवीजन/ऑफरिंग/डोमेन के प्रमुख → कंपनी के प्रमुख
एक स्ट्रक्चरल/सिविल इंजीनियर का लगभग आय 19,000 - 90,000 रूपये* प्रति माह होती है।
स्रोत: http://bitly.ws/AXEx
*एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
भारत की पहली महिला सिविल इंजीनियर, शकुंतला ए भगत ने कई नवीन डिजाइनों का नेतृत्व किया और क्वाड्रिकॉन की स्थापना की - मुंबई स्थित एक निर्माण फर्म जिसने यू,के. यू.एस.ए . और जर्मनी सहित दुनिया भर में 200 पुलों को डिजाइन किया है। वह सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। 1960 में, भगत ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की और आई.आई.टी. मुंबई में सिविल इंजीनियरिंग की सहायक प्रोफेसर और भारी संरचना प्रयोगशाला (heavy structure laboratory )के प्रमुख के रूप में पढ़ाने के लिए चली गयीं । 2012 में उनका निधन हो गया।*
स्रोत: https://www.thebetterindia.com/250265/india-first-woman-civil-engineer-shakuntala-bhagat-mumbai-iit-quadricon-bridge-construction-womens-day-ros174/
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
स्ट्रक्चरल निर्माण इंजीनियर, सिविल स्ट्रक्चरल इंजीनियर, सिविल और स्ट्रक्चरल डिजाइन इंजीनियर